Option trading kya hai और 7+ इसके फ़ायदे व नुक़सान व इस trading से पैसे कैसे कमाए

ऐसे Investor जो अभी Investing की ABCD सीख रहे हैं उनके लिए Option Trading का Concept समझना थोड़ा मुश्किल जरूर हो सकता है लेकिन एक बार अच्छे से समझ लेने के बाद कोई भी traders सिर्फ़ Option Trading से काफी पैसे कमा सकता है।

एक सफल Investor के पोर्टफोलियो में कई Assets होते हैं जैसे Stock, Bond, ETFs यहां तक कि Mutual Fund, ठीक वैसा ही Option Trading है। कई ट्रेडर्ज़ तो सिर्फ Option Trading करके आज अमीर बने हैं और खासकर भारत में Option Trading सबसे ज्यादा चलन में है। 

तो अब सवाल उठता है कि आखिर यह Option Trading kya hai , और एक Beginner Option Trading कैसे कर सकता है?

साथ ही Option Trading के Advantages और Disadvantages क्या है? और Option Trading करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे हमें ज्यादा Loss ना हो, ये सभी बातें हम जानेंगे Option Trading in Hindi मे जानेग़े।

यदि आप भी Option Trading करना चाहते हैं तो यह पूरा लेख अंत तक जरूर पढ़ें, और मैं वादा करता हूं कि यदि आप पूरा लेख पढ़ते हैं तो Option Trading से जुड़ी हर एक बात आप काफी अच्छे से समझ जाएंगे।

अगर आप stock market के बारे में कुछ भी नही जानते है तो इस article को ज़रूर पढ़े:-

Option Trading kya hai

option trading kya hai

Option Trading असल मे Securities के buyers और sellers के बीच का एक Contact होता है जो एक निश्चित समय अवधि तक के लिए ही मान्य रहता है। दोनों के बीच यह Contact हो जाने के बाद Contact Buyer को यह अधिकार होता है कि वह किसी सिक्योरिटी को उस समय अवधि के अंदर  Strike Price पर खरीद सके, लेकिन यदि वह चाहे तो ना भी खरीदें क्योंकि Option Buyer को उस सिक्योरिटी को खरीदने की बाध्यता नहीं है। 

मुझे पता है, कि अभी चीजें स्पष्ट नहीं हुई होंगी आपको इसलिए इसको आसान शब्दों में  समझाता हूं। आसान शब्दों में बस इतना समझ लीजिए कि Option Trading में आप किसी को वादा करते हैं कि मैं इतने महीने, सप्ताह या दिन के अंदर आपको यह शेयर इतने रुपए में बेचूंगा। इस Contact की एक तय समय सीमा होती है।

अब वो व्यक्ति जिससे आप ये Contact करते है वो भला आपकी बात क्यों मानेगा? उसका भी तो कुछ फायदा होना चाहिए न तब तो आपकी बात मानेगा। तो वो आपकी बात इसलिए मानता है कि आपसे आपकी बात मानने के लिए वह पैसे लेता है, जिसे Premium कहते है। 

अब एक बार उसने आपसे Premium ले लिया तो जितने समय तक Contract Valid है, उतने समय के अंदर यदि आप उसको वो Securities बेचते है तो उसे खरीदना ही पड़ेगा। 

अब आप दोनों के बीच Contact में जो राशि तय हुई है वो Strike Price कहलाती है। यदि आपने Contract कर लिया कि इस महीने की 30 तारीख तक किसी भी दिन मैं अपने Share तुम्हे 80 रु में बेच दूंगा और फिलहाल share की कीमत 120 चल रही है। अब आपने Premium के तौर पर 20 रु दे दिए। 

अब यदि 30 दिन में share की Price कभी 80 रु तक गिरती ही नही है तो आप Share बेच नही सकते उस व्यक्ति को और वो Premium Amount आपका डूब गया, यानी उसका हो गया।

पर अगर वही share के Price गिरकर 40 रु हो गए, तो अब चूंकि आपसे उस व्यक्ति ने 80 में Share खरीदने की Deal की थी तो आप उसे 80 रु में बेच देंगे और वो भी न चाहते हुए खरीदेगा क्योंकि उसने पैसे लेकर आपसे ऐसा Contract किया था। इसको लोकल भाषा में बयाना कहते हैं। 

यदि आपने कभी रूम Rent पर लिया है तो तो आपको पता होगा कि जब हमें कोई रूम पसंद आ जाता है और वह हमारी बजट में है तो हम मकान मालिक को कुछ रुपए बयाना (deposit) के तौर पर दे देते हैं कि आप फिलहाल इतने रुपए रखिये, हम एक महीने बाद यहां रहना शुरु करेंगे।

अब वह मकान मालिक भी आपका इतने दिनों तक इंतजार करता है पर यदि आपको इतने दिन में कोई उससे अच्छा Room उससे भी कम कीमत पर मिल जाये तो आप उस कमरे पर रहने नहीं जाएंगे। 

1 महीने बाद मकान मालिक वह कमरा किसी को भी दे सकता है, उसके ऊपर फिर आपके बयाने की बाध्यता नहीं लागू होगी, और आपके बयाना (deposit) में दिए पैसे भी उसके हो जाते है। 

Same ऐसा ही कुछ Option Trading में होता है। बाकी अभी आगे बहुत कुछ है तो जो कुछ भी Doubt है आप आगे अच्छे से समझ सकेंगे। 

Option Trading का आधार क्या है? 

Option Trading का मूल आधार है लोगों का अनुमान। जैसा कि हम सब जानते हैं कि Share की वैल्यू निश्चित नहीं होती, यह कभी बढ़ती है कभी घटती है। ऐसे में हर Share holder अनुमान लगाता है कि शेयर की वैल्यू बढ़ेगी या घटेगी और इसी के आधार पर वह शेयर को बेचता या खरीदता है। 

अब Option Trading में भी ऐसा ही होता है एक ही शेयर के लिए कुछ लोगों का कैलकुलेशन कहता है कि इसकी Price बढ़ेगी वहीं कई लोगों को लगता है कि इसकी Price घटेगी और इस तरह Option Trading का एक रास्ता खुल जाता है। 

Option क्या है? 

Option यानी Choice (अधिकार). 

Option Trading में जो व्यक्ति Premium Pay करता है उसके पास Choice होती है कि वह Contract को फॉलो करें या नहीं.

उसके ऊपर कांटेक्ट फॉलो करने की कोई बाध्यता नहीं होती है। वहीं दूसरी तरफ जो व्यक्ति Premium लेता है उसके पास Choice नहीं होती। उसे हर हाल में कॉन्ट्रैक्ट में लिखी हुई बात को फॉलो करना ही पड़ेगा। आसान शब्दों में कहें तो Premium Pay करने वाले के पास ऑप्शन है कि वह शेयर खरीदे या बेचे लेकिन प्रीमियम लेने वाले व्यक्ति के पास ऐसा कोई ऑप्शन नहीं होता। 

Option Trading के पूरे कांसेप्ट को अच्छे से समझने के लिए सबसे पहले आपको ऑप्शन समझना पड़ेगा कि आखिर यह है क्या? दो ऑप्शन दो टाइप के होते हैं

call option and put option trading in hindi
  1. Call Option
  2. Put Option

अब कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन आखिर है क्या चलिए यह भी समझ लेते हैं सबसे पहले कॉल ऑप्शन की बात करते हैं। 

Call Option kya hai  

call option में Buyer और Seller के बीच एक निश्चित समय अवधि का कॉन्ट्रैक्ट होता है, जिसमें Buyer Seller को कुछ Premium जमा करता है और यह Choice लेता है कि वह इस समय अवधि के अंदर उन शेयर को खरीद लेगा।

इस Premium के बदले में Seller Buyer से यह Promise करता है कि इस समय अवधि में यदि आप शेयर बेचते है जो Strike Price हमने तय की है उसी Price में आपसे Share खरीदूंगा भले ही Market Price कुछ भी हो।  

इसको उदाहरण से समझिए:– 

मान लीजिए आपको ABC कंपनी की एक बाइक खरीदनी है। आप कंपनी के शोरूम में जाकर उस बाइक का रेट पता करते हैं, आपको रेट तो पता चल जाता है साथ में यह भी पता चलता है कि अगले 2 महीने में इस बाइक की कीमत में बदलाव होने वाला है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं होता कि इसकी कीमत बढ़ेगी या घटेगी, लेकिन बदलाव होगा यह निश्चित है।

अब आप देखते हैं कि आपके पॉकेट में पैसे तो है लेकिन इतने नहीं कि आपको बाइक को खरीद सके और आप का अनुमान कहता है कि बाइक की कीमत हमेशा बढ़ती है तो हो सकता है 2 महीने बाद बाइक और ज्यादा महंगी हो जाए। 

तब वह शोरूम का Owner आपको एक ऑफर देता है कि आप बाइक की कुल कीमत का 10% अभी एडवांस जमा करके इसकी बुकिंग करवा लीजिए, बाकी आप 3 महीने के अंदर यदि आप Bike उठा लेते हैं तो आपको सिर्फ ₹90000 ही देना पड़ेगा, भले ही बाइक की कीमत बढ़ ही क्यों ना जाए। 

अब 3 महीने बाद जवाब ₹90,000 जोड़ लेते हैं तो वापस शॉप में जाते हैं और आपको ₹90,000 देने पर वह बाइक टोटल ₹100000 में मिल जाती है। शॉपकीपर से पूछने पर पता चलता है कि बाइक की कीमत फिलहाल 1,40,000 हो गई है तो इससे आप को करीब ₹40,000 का फायदा हुआ। 

Put Option kya hai

Put Option को Definition से समझे उसके पहले अपनी एक आम उदाहरण से आपको बताता हूं क्योंकि उदाहरण से हम चीजें ज्यादा अच्छे से समझ सकते हैं। 

उदाहरण देखिए:- 

अब यहां पर आपको शुरू में ही 2 चीजें समझ लेनी है पहला ऑप्शन खरीदने वाला और दूसरा ऑप्शन बेचने वाला और जब इन दोनों की सोच अलग-अलग होती है तभी Trading हो पाती है. 

Case -1 

अब मान लीजिए रमेश और सुरेश 2 व्यक्ति है रमेश के पास होंडा कंपनी का एक शेयर है, जिसकी कीमत ₹1000 है अब रमेश को लगता है कि अगले 1 महीने में इस की कीमत काफी ज्यादा गिरने वाली है। वही सुरेश को ऐसा लगता है कि नहीं, हौंडा कंपनी के शेयर की कीमत अभी बढ़ेगी अब रमेश को कोई एक ऐसा व्यक्ति चाहिए जो हौंडा का शेयर खरीद सके और सुरेश को कोई ऐसा व्यक्ति चाहिए जो होंडा के शेयर बेच रहा हो। 

अब दोनों की मुलाकात हो जाती है, जिसमें यह डील होता है कि 1 महीने के अंदर जैसे ही शेयर की कीमत ₹850 पहुंचेगी वैसे ही रमेश, सुरेश को शेयर बेच देगा और सुरेश को यह शेयर खरीदना ही पड़ेगा इसके बदले रमेश, सुरेश को Premium Amount के तौर पर ₹100 देता है। 

अब महीने की 28 भी तारीख को ही इस शेयर की कीमत गिरकर ₹400 हो जाती है तब रमेश सुरेश को शेयर Sell देता है लेकिन जैसा कि दोनों के बीच Deal हुई थी कि Market के Price कुछ भी हो सुरेश ₹850 में शेयर खरीदेगा तो वैसा ही होता है। 

Case-2

अब मान लीजिए रमेश की Pridiction गलत हो जाए और सुरेश की Pridiction के अनुसार शेयर की कीमत बढ़ जाए और 1500 रु तक पहुंच जाए तो ऐसी स्थिति में रमेश, सुरेश को शेयर नहीं बेचेगा, क्योंकि contract में प्रीमियम देने वाले के ऊपर कोई बाध्यता नहीं होती है कि वह शेयर बेचे ही बेचे। बाध्यता सिर्फ प्रीमियम लेने वाले के ऊपर होती है। 

तो रमेश Contract की तय राशि मे यदि बेचता है तो 850 रु में बिकेगा, वही बाजार भाव मे बेचता है तो 1500 रु में बिकेगा। तो अब रमेश, सुरेश को कहेगा कि वो Share नही बेचेगा। 

और रही बात 100रु की Premium Amount की तो वो सुरेश वापस नही करेगा, और इस तरह सुरेश को बिना कुछ किये ही 100 रु मिल जाते है और रमेश वह शेयर किसी और को 1500 रु में बेच देगा। तो देखा जाए तो दोनो को फायदा ही हुआ। सुरेश को 100 रु मिल गए और रमेश को भी 400 रु का फायदा हुआ। 

तो Option Trading में आप ये तय नही कर सकते कि कौन सही निर्णय ले रहा है, सारी बात इस पर टिकी है कि किसका अनुमान सटीक बैठता है। 

Option Trading एक तरह का Insurance ही है, जैसे हम अपने घर का Insurance कराते है और Premium भी देते है लेकिन हमारा पैसा डूबता ही जाता है फिर भी करते है क्योंकि यदि किसी दिन घर को नुकसान पहुचा तो Insurance से पैसा मिल जाएगा। 

SHARE Market में Option Trading कैसे करें? 

Share market में Option Trading करने के लिए भी आपको एक Demat Account की जरूरत पड़ती है। 

  • सबसे पहले आप किसी ब्रोकर के माध्यम से या किसी Trusted App ऐप में Demat Account जरूर Open करवाएं उसके बाद उसमें कई Segment होते हैं उन्हीं में से एक होता है Option Trading का जिसमें आप कई जगहों पर Option Trading कर सकते हैं। 
  • इसके बाद आपको तय करना है कि आप Option Buy करके पैसा कमाना चाहते हैं या Option Sell करके, लेकिन अधिकतर लोग Option Sell  करके पैसा कमाते हैंवहीं दूसरी तरफ Option Buy करने पर कम पैसा लगता है। यानी आप कम पैसे लगाकर के भी Option Buy कर सकते हैं, और पैसे कमा सकते हैं। 
  • Option Buy करने के लिए आपको सामने वाले व्यक्ति को कुछ Premium Amount देना पड़ता है, बदले मे आपको Option यानी विकल्प चुनने का अधिकार मिलता है लेकिन क्योंकि उसने प्रीमियम अमाउंट ले लिया है इसलिए उसके पास अब कोई ऑप्शन नहीं है यानी आप जो चुने गए उसे वह करना ही पड़ेगा। 
  • Call Option और Put Option के बीच संशय है कि दोनों में से कौन सा चुनाव करना चाहिए तो इसका एक सीधा सा आधार यह है कि जब आपको लगे कि शेयर की कीमत ऊपर जाने वाली है तो आपको कॉल ऑप्शन खरीदना चाहिये और Put Option बेचना चाहिए। 
  • यदि आपको लगता है कि शेयर की कीमत नीचे गिरने वाली है तो आपको Put Option खरीदना चाहिए और Call Option बेचना चाहिए। 
  • Option Trading में Strike Price का बहुत महत्व होता है इसको ऐसे समझ गए कि किसी शेयर की कीमत फिलहाल ₹100 है, आपने अनुमान लगाया कि वह बढ़ेगा, इसलिए आपने ₹150 की स्ट्राइक प्राइस पर कॉल ऑप्शन खरीद लिया। अब हुआ यह कि ₹150 ना बढ़कर मात्र ₹130 तक गया, जितनी समय अवधि के लिए आपका कॉन्ट्रैक्ट था। ऐसे में आपको घाटा हुआ पर वही यदि आप ₹130 का स्ट्राइक प्राइस रखते और शेयर 150 तक जाता तो आपको फायदा होता। 
  • Option Trading का अंतिम स्टेप है समय अवधि का चुनाव करना। आप कॉन्ट्रैक्ट कितने समय के लिए कह रहे हैं यह बहुत मायने रखता है, क्योंकि उस समय के अंदर यदि आपके फेवर में Market जाता है तभी आप को फायदा होगा। यदि वह समय बीतने के 1 दिन बाद भी आपके फेवर में Market जाता है तो आपको कोई फायदा नहीं मिलने वाला। 

Option Trading फायदे 

option trading kya hota hai
  • यह Cost Effective होता है। जैसे यदि 80 रु Per शेयर के हिसाब से कोई 200 शेयर खरीदे तो उसके लिए ₹16000 देने पड़ेंगे, वही Option Trading की मदद से आप 200 शेयर खरीदने की एडवांस बुकिंग मात्र ₹4000 में कर सकते हैं और यदि आपके Favour में चीजें जा रही हैं तो ही खरीदे नहीं तो कोई बाध्यता नहीं है। ऐसे में यदि आपका नुकसान होगा तो सिर्फ 4000 रु का होगा ना कि 16000 रु का। 
  • इसमें कम इन्वेस्टमेंट करके High Return पा सकते हैं, क्योंकि इसमें High Return की Potential है। यदि आप सही Strike Price पर Contract करते हैं तो इसमें आप उतना ही Profit Earn कर सकते हैं जितना किसी शेयर को बेचने- खरीदने में करते हैं।
  • ट्रेडिंग Option Trading में Risk कम होता है वैसे तो यह कहा जाता है कि यह Equity से ज्यादा Risky है लेकिन इसे दूसरे एंगल से देखने पर पता चलता है कि इसमें ज्यादा से ज्यादा आपकी प्रीमियम राशि ही डूबेगी। इसके अलावा पैसा Invest नहीं होता। पर यदि आप गलत शेयर खरीद लें जिसकी कीमत बहुत ज्यादा हो तो आपको ज्यादा Loss होगा।
  • इसमें आप ज्यादा अच्छी Strategy बना सकते हैं यदि आपके पास अनुभव है तो, क्योंकि शेयर की कीमत बढ़ी तो भी आप कमा सकते हैं शेयर की कीमत गिरे तो भी आप कमा सकते हैं। आप चाहें तो अलग अलग Strike Price पर अलग अलग लोगों से Contract कर सकते हैं जिससे आप हमेशा win-win सिचुएशन में ही रहेंगे। 

Option Trading के नुकसान

  • कुछ Stocks में लोअर लिक्विडिटी ऑप्शन होती है जिससे ट्रेडर को उसका Tread करने में काफी दिक्कत होती है। 
  • ब्रोकरेज का Trading कमीशन काफी ज्यादा होता हैं, खासकर Weekly Option में, जबकि शेयर ट्रेडिंग करने पर इसका इतना चार्ज नहीं होता है, हालांकि कई ब्रोकर फर्म ऐसी हैं जो कम कमीशन में ट्रेडिंग की फैसिलिटी देती है, लेकिन मैक्सिमम ब्रोकर Option Trading का ज्यादा चार्ज ही लेते हैं। यहाँ सालाना Commision Charges आपकी Investment Amount का 30% से भी ज्यादा हो सकती है। 
  • अभी तक बताई जानकारी जानने के बाद भले ही आपको Option Trading आसान लग रहा हो लेकिन असलियत यही है कि ये बहुत Complex है, और इसके अपने ही Set Of Rules है, जिन्हें समझे बिना आप यहाँ सफल नही हो सकते। मेरी सलाह यही रहेगी कि आपको इस Field में उतरने से पहले Trading का थोड़ा अनुभव जरूर लेना चाहिए। 
  • Option Buyer और Seller के लिए एक समान Risk नही होता, Seller हमेशा ज्यादा Risk लेता है। Seller अपने Contract से पीछे नही हट सकता, और कभी कभी Contract में Loss हो जाता है, जो Premium में मिलने वाले Amount से बहुत ज्यादा होता है। 
  • Option trading करने से पहले आपको Brokerage Firm से approval लेनी पड़ती है, जिसमें बहुत ज्यादा सवाल पूछे जाते है। साथ ही आपको अपने 

Brokerage Account में कुछ पैसा रखना पड़ता है। 

Option Trading से पैसा कैसे कमाएं? 

यदि आप Option Trading से पैसा कमाना चाहते है तो आपको Market की स्थिति का अनुमान लगाना आना चाहिए। यदि आपको लगता है कि market ऊपर जाने वाला है तो Call Option Buy करें, और यदि आपको लगे कि Market नीचे जाएगा तो Put Option Buy करें। 

Call Option से Profit तभी मिलता है जब underlying asset की कीमत Expiry Date के पहले या उस दिन Strike Price से ज्यादा हो। 

वही दूसरी तरफ Put Option से Profit तभी मिलता है जब underlying asset की कीमत Expiry Date के पहले या उस दिन Strike Price से कम हो। 

आपका Profit या Loss कितना होगा यह underlying asset के वर्तमान Market Price और Strike Price के बीच का अंतर तय करता है। 

Option Trading कैसे सीखें? 

मैं आपको यह सलाह बिलकुल नही दूंगा की आप सीधे Option Trading करने लगे। आपको पहले इसके Basic सीखने होंगे और ये आप Article और Youtube Video, courses से सीख सकते है। 

आपको Option Trading या सिर्फ Trading से संबंधित Books पढ़ना चाहिए। साथ ही बड़े Investor कैसे market के ऊपर या नीचे जाने की स्थिति को पहचान पाते है वो अब आपको पहले समझना होगा। Option Trading से जुड़े अन्य शब्द जैसे थीटा आदि को समझना होगा। 

इसके बाद आपको Paper Trading करनी है। यानी आपको अनुमान लगाना है वो भी सिर्फ Paper में real में नही। 

जब आप समझेंगे की आपके अनुमान सही जा रहे है तो आपको समझ लेना चाहिए कि अब आप Option Trading के लिए Ready है। इसके बाद आप पैसा लगा सकते है लेकिन इन 4 चीज़ों से बचे।

option trading kaise sikhe
  • ज्यादा की लालच न करे
  • ज्यादा Risk न ले
  • Risk Manage करे
  • अपने नुकसान को कम करें। 

Conclusion

उम्मीद है आपको ऊपर बताई बातें समझ मे आई होगी। लेकिन अभी और Research करिए, क्योंकि मेरा ऐसा मानना है कि Trading वैसे तो बहुत Profit दे सकता है लेकिन तब ही जब आपके पास सही Knowledge हो। इसलिए Seriously Option Trading करने से पहले आप ज्यादा से ज्यादा इसके बारे में जाने उसके बाद आप जान जाएंगे कि Option Trading kya hai तो Option Trading in Hindi में मैंने आपको वो सब कुछ बताया जो इस विषय से संबंधित है।

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