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blockchain technology in Hindi | क्या आने वाला समय blockchain का है?

दोस्तों क्या आपने Blockchain क्या नाम सुना है ? अगर नही तो आप बिटकॉइन के बारे में तो जानते ही होंगे. अगर आपका जवाब हाँ है तो आपके लिए Blockchain को समझना बहुत ही आसान होगा. तो आज आपको blockchain technology in hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है. आज के समय में बड़ी बड़ी कम्पनियां भी अपने व्यापार में blockchain का प्रयोग करने लगी है. आइये जानते है क्या है Blockchain और ये कैसे काम करता है? साथ में जानेंगे इसके फायदों और Blockchain और बिटकोइन में क्या अंतर है. 

blockchain technology in Hindi

Blockchain technology को एक तरह का Database कह सकते है और Database यानि Information का एक कलेक्शन होता है जो कम्प्यूटर सिस्टम पर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से स्टोर रहता है. साधारण शब्दों में कहे तो Blockchain केवल एक Information होती है किसने कौन सा कॉइन खरीदा और किसने इसे बेचा इस तरह की Information कोड बनकर एक जगह सेव हो जाती है. 

Blockchain क्यों जरुरी है?

Blockchain आने वाले समय में हमारे लिए Information शेयर करने का एक बेहतरीन जरिया बनने वाला है. जोकि बहुत ही कम फीस में बड़ी ही आसानी के साथ OPEN और प्राइवेट Network के बीच IMPLEMENT किया जा सकता है. हालांकि वर्तमान समय में Blockchain को अपनाने की गति काफी धीमी है लेकिन आने वाले समय में ये गति और ज्यादा तेज होने वाली है और ये टेक्नोलॉजी पूरी दुनिया को बदलकर रख देगी. 

एक Blockchain के प्रमुख तत्व कौन कौन से है 

1. वितरीत खाता बही तकनीक 

सभी Network प्रतिभोगियो के पास वितरीत खाता और बही तकनीक और इसमें हुए लेने देन का पूरा रिकॉर्ड पहुँच जाता है. 

2. अपरिवर्तनीय रिकॉर्ड 

कोई भी भागीदार साझा खाता बही में दर्ज होने के बाद इससे छेड़छाड़ या इसमें किसी तरह का बदलाव नही कर सकता है. 

3. स्मार्ट अनुबंध 

लेनदेन को गति देने के लिए नियमो का एक सेट होता है जिसे स्मार्ट अनुबंध कहा जाता है. और एक स्मार्ट अनुबंध कॉर्पोरेट बोंड ट्रांसफर के लिए शर्तो को परिभाषित कर सकता है. इसमें भुगतान किये जाने वाले यात्रा बीमा की शर्तो के साथ और बहुत कुछ शामिल रहता है. 

Blockchain technology काम कैसे करता है ?

Blockchain का purpose डिजिटल Information को रिकॉर्ड और डिस्ट्रिब्यूट करने की परमिशन देना है लेकिन एडिट करने की परमिशन ये नही देता है.

ये टेक्नोलॉजी सबसे पहले 1991 Stuart Haber और W. Scott Stornetta के जरिये सामने आई थी. ये Blockchain ऐसे ब्लॉक की चैन है जिसमे Information है और हर ब्लॉक के पास पिछले ब्लॉक का एक क्रिप्टोग्राफिक HASH है.

हर Blockchain के पास पिछले Blockchain का एक क्रिप्टोग्राफी HASH है जोकि हर ट्रांजेक्शन पर जनरेट होता है और नंबरस और लेटर्स की एक string है.

HASH ऐसा कनेक्शन है जो नम्बर्स और लेटर्स के input को एक फिक्स लेंथ के encrypted output में convert करता है. ये HASH केवल ट्रांजेक्शन पर निर्भर नही है बल्कि चैन में उससे पहले बने हुए ट्रांजेक्शन HASH पर भी DEPEND करता है.

यहाँ अगर ट्रांजेक्शन में छोटा सा भी चेंज किया जाता है तो एक नया HASH बन जाता है. यानी अगर DATA के साथ किसी तरह की भी छेड़छाड़ करने की कोशिश की जाए तो उसकी सारी सेटिंग्स बदल जाती है और इस तरह record में हुई हेराफेरी का पता भी लगाया जा सकता है.

ये Blockchain पूरी तरह से सिक्योर होती है और ये हर कम्प्यूटर पर स्प्रेड होती है और हर कम्यूटर के पास Blockchain की एक कॉपी होती है इन कम्पयुटरस को NODES कहते है.

और ये HASH को चैक करके पता लगाते है. कि ट्रांजेक्शन में कोई बदलाव तो नही हुआ है. अगर ट्रांजेक्शन को ज्यादातर NODES APPROVE कर देते है तो उस ट्रांजेक्शन को ब्लॉक में लिखा जाता है.

ये NODES Blockchain का इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाते है ये Blockchain data को store, spreads और preserve करते है एक full nodes कम्यूटर जैसे डिवाइस होती है. जिसके पास Blockchain की ट्रांजेक्शन हिस्ट्री की FULL COPY होती है. और हर 10 मिनट में ये Blockchain अपने आपको update करती है. Blockchain के IMPORTANT एलेमेंट्स क्या है और ये मिलकर के कैसे काम करते है ये जानकारी आपको दे दी है. अब जानते है Blockchain के फायदे क्या क्या है ?

अगर आप blockchain के जानने के बारे में रुचि रखते है तो आप NFT के बारे में भी पढ़ सकते है

Blockchain के फायदे क्या क्या है?

पहली बार Blockchain का उपयोग 2008 में हुआ था जब डिजिटल करेंसी बिटकॉइन का आविष्कार हुआ था. 

Blockchain सुरक्षा 

Blockchain पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि इसमें लेनदेन को लेकर जो भी गतिविधि होती है वो सब Public में मौजूद होते है इसलिए इसमें किसी तरह के Froud की कोई गुंजाइश ही नही होती है. इसमें जो nodes होते है वे हर एक गतिविधि पर नजर रखते है और ऐसे में इसमें अगर किसी तरह का बदलाव होता है तो उन्हें तुरंत पता चल जाता है. 

Types Of Blockchain In Hindi

Blockchain बनाने के कई तरीके है जैसे कि नीचे दिए गये है 

सार्वजनिक Blockchain Network 

एक सार्वजनिक Blockchain जिसमे कोई भी शामिल हो सकता है और भाग ले सकता है. जैसे बिटकॉइन. इसपर संस्था का किसी तरह का कोई नियन्त्रण नही रहता है. इसका पूरा Network अब लोगो द्वारा चलाए जा रहे कम्पुटर के nodes में आ जाते है इस तरह से सार्वजनिक Blockchain पर किसी का कंट्रोल नही रहता है और ये पूरी तरह से पारदर्शी होता है. 

प्राइवेट Blockchain Network 

ये भी एक तरह से सार्वजनिक Blockchain Network की तरह होता होता लेकिन इसमें हर कोई अपनी मर्जी से नही जुड़ सकता है जैसे सार्वजनिक में कोई भी शामिल हो सकता है. इसमें कौन शामिल होगा इसका फैसला इसमें संचालित करने वाली संस्था निर्धारित करती है. और वही इसमें भाग लेने वाले nodes के अधिकारों को भी नियंत्रित करती है. इसके अलावा संस्था ये भी निणर्य करती है किस नोड को कितने अधिकार देने है. इस तरह के Network का आकार छोटा होता है. 

स्वीकृत Blockchain Network 

स्वीकृत Blockchain का Network सार्वजनिक और प्राइवेट दोनों के Network के स्वरूपों का प्रयोग करता है. क्योंकि इसमें सार्वजनिक Blockchain Network की तरह कोई भी शामिल हो सकता है और प्राइवेट ब्लॉक Network की अनुमति देने का प्रावधान भी होता है. इसमें जब तक जरूरत न हो नोड की पहचान को गुप्त रखा जाता है. इसमें लेनदेन करने में बहुत कम खर्चा आता है और ये बहुत कम समय में हो जाती है. 

FAQ 

Blockchain और बिटकोइन में क्या अंतर है ?

बिटकॉइनएक वर्चुअल करेंसी है जोकि बाकी सभी करेंसी से बिलकुल अलग है इसे हम देख नही सकते है न ही छू सकते है. जिसे हम केवल एक ऑनलाइन वोलेट में रख सकते है. भले ही आप इसे छू न पाए लेकिन खर्च कर सकते है.

इसे न तो कोई बैंक authority control करती है और न ही कोई और government authority. इसका इस्तेमाल ऑनलाइन payment या किसी भी ट्रांजेक्शन के लिए कर सकते है.

आप बिना क्रेडिट कार्ड या किसी कम्पनी को बीच में लाये सीधा बिटकॉइन ट्रांजेक्शन कर सकते है. ट्रांजेक्शन के लिए ये सबसे तेज होती है. आइये जानते है Blockchain और बिटकॉइन में क्या अंतर है.
Blockchain एक database है जबकि बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरंसी है
Blockchain ने कई उपयोग किये है जबकि बिटकोइन केवल Blockchain तकनीक द्वारा संचालित है.
Blockchain पारदर्शिता को बढ़ावा देता है जबकि बिटकोइन गुमनामी को 
Blockchain को एक इंटरनेशनल payment service कह सकते है जिसके जरिये हम दुनिया भर में किसी भी company या website से पैसे भेज सकते है जबकि विटकोइन केवल डिजिटल रूप में मौजूद है जिन्हें बहुत ही सुरक्षित वोलेट में रखा जाता है. 

Blockchain के प्रकार कौन कौन से है ?

Blockchain बनाने के कई तरीके है जैसे कि नीचे दिए गये है 

एक सार्वजनिक Blockchain जिसमे कोई भी शामिल हो सकता है और भाग ले सकता है. जैसे बिटकॉइन. इसपर संस्था का किसी तरह का कोई नियन्त्रण नही रहता है. इसका पूरा Network अब लोगो द्वारा चलाए जा रहे कम्पुटर के nodes में आ जाते है इस तरह से सार्वजनिक Blockchain पर किसी का कंट्रोल नही रहता है और ये पूरी तरह से पारदर्शी होता है. 

Blockchain का उपयोग कहा किया जाता है?

क्रिप्टोकरेंसी में Blockchain का उपयोग है लेकिन इसके अलावा आप Blockchain का उपयोग कहाँ कर सकते है नीचे पढ़े .
सरकारी योजनाओं का डाटाबेस 
क़ानूनी कागजात रखने में 
शिक्षा से जुडी जानकारी रखने में 
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स्वास्थ्य आंकड़े में 
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IBM Blockchain प्लेटफार्म हाईपरलेगर तकनीक द्वारा संचालित है. जोकि किसी भी developer को Blockchain developer में बदलने में मदद करता है. अधिक जानकारी के लिए आप Hyperledger website पर जाकर इससे जुडी बाकी की जानकारी हासिल कर सकते है. 

हमने क्या सिखा 

दोस्तों Blockchain हमारे Financial और technological digital भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है.  आज हमने आपको Blockchain technology in hindi के बारे में जाना और ये क्यों जरुरी है और ये कैसे काम करता है के अलावा और भी ऐसी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है है जो आपके बहुत काम आने वाली है. उम्मीद करते है आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई होगी. 

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